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रुद्राभिषेक कैसे करें? सामग्री और विधि

Sacred Scripture from Daily Mandir

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🕉️ रुद्राभिषेक कैसे करें? सामग्री और विधि

रुद्राभिषेक भगवान शिव को प्रसन्न करने का एक अत्यंत प्रभावशाली और शुभ अनुष्ठान है, जिसमें शिवलिंग पर विभिन्न पवित्र द्रव्यों से अभिषेक किया जाता है। यह न केवल आध्यात्मिक लाभ प्रदान करता है, बल्कि मानसिक शांति, स्वास्थ्य, समृद्धि और सभी कष्टों से मुक्ति का मार्ग भी प्रशस्त करता है। इस लेख में हम रुद्राभिषेक की सही सामग्री और विधि को विस्तार से समझेंगे।

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🪔 रुद्राभिषेक पूजन सामग्री

रुद्राभिषेक के लिए निम्नलिखित सामग्रियों की आवश्यकता होती है:

- शिवलिंग

- गंगाजल

- शुद्ध जल

- दूध

- दही

- घी

-शहद

- चीनी / शर्करा

- पंचामृत: (दूध, दही, घी, शहद और चीनी से बना पवित्र मिश्रण, जिसे अभिषेक में प्रयोग किया जाता है।)

-गन्ने का रस / अनार का रस (वैकल्पिक)

- गुलाबजल

- बेलपत्र विषम संख्या में अर्पित करें, जैसे 1, 3, 5, 7, 9, 11, 21, 51 या 108

-चंदन या चंदन का पेस्ट

-अक्षत (चावल)

- फूल-माला (विशेष रूप से सफेद फूल)

- दीपक (देसी घी का)

-धूप / अगरबत्ती

- नैवेद्य (भोग)

- फल

- कुमकुम

- रुद्राक्ष माला

-वस्त्र (सफेद कपड़ा)

- मौली

-जनेऊ

- पान का पत्ता

- सुपारी

- नारियल

-श्रृंगी (अभिषेक हेतु)

- पूजा की थाली, कपूर, आसन आदि

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🔱 रुद्राभिषेक की विधि

1. शुद्धिकरण और स्थापना

- पूजा स्थल और शिवलिंग को गंगाजल या शुद्ध जल से अच्छी तरह धो लें।

- शिवलिंग को उत्तर दिशा में स्थापित करें और स्वयं पूर्वाभिमुख बैठें।

- एक कलश में जल भरें, उस पर स्वास्तिक और मंगलचिह्न बनाएं।

2. गणेश पूजन और संकल्प

- सर्वप्रथम भगवान गणेश की पूजा करें।

- उन्हें तिलक, फूल, चावल, दूर्वा और नैवेद्य अर्पित करें।

-संकल्प लें कि आप श्रद्धा और विधि से रुद्राभिषेक कर रहे हैं।

3. देवताओं और नवग्रह का आवाहन

- शिव परिवार, नवग्रह और अन्य देवताओं का ध्यान करके उन्हें स्थान दें।

4. अभिषेक प्रक्रिया

- सबसे पहले गंगाजल द्वारा शिवलिंग का अभिषेक करें और उन्हें स्नान कराएं।

- फिर दूध, दही, घी, शहद, शर्करा, पंचामृत, गन्ने/अनार के रस से क्रमशः अभिषेक करें।

- प्रत्येक द्रव्य चढ़ाते समय “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करें।

5. अन्य अर्पण

- शिवलिंग पर चंदन लगाएं।

- बेलपत्र पर चंदन से "ॐ" लिखकर अर्पित करें।

- अक्षत, फूल, धूप, दीपक, पान, सुपारी, नारियल आदि अर्पित करें।

6. मंत्र जाप और स्तोत्र पाठ

- नियमपूर्वक “ॐ नमः शिवाय” का 108 बार जाप करना अत्यंत शुभ होता है।

- महामृत्युंजय मंत्र, रुद्राष्टाध्यायी या शिव तांडव स्तोत्र का पाठ करें।

7. आरती और क्षमायाचना

- सभी मिलकर भगवान शिव की आरती करें।

- पूजा में हुई भूलों के लिए क्षमा याचना करें।

8. प्रसाद और जल छिड़काव

- अभिषेक जल को पूरे घर में छिड़कें और थोड़ा प्रसाद स्वरूप ग्रहण करें।

- सभी को नैवेद्य प्रसाद वितरित करें।

9. दान-पुण्य

- श्रद्धा और सामर्थ्यानुसार गरीबों को अन्न या वस्त्र दान करें।

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📿 रुद्राभिषेक के प्रमुख मंत्र

> ॐ नमःशम्भवाय च मयोभवाय नमः शङ्कराय च

> मयस्कराय नमः। शिव च शिवराय च।।

> ईशानः सर्वविद्यानामीश्वरः सर्वभूतानां

> ब्रह्माधिपतिर्ब्रह्मणोऽधिपतिर्ब्रह्मा शिवो मे अस्तु सदाशिवः ॥

> तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि।

> तन्नो रुद्रः प्रचोदयात् ॥

> अघोरेभ्योऽथ घोरेभ्यो घोरघोरतरेभ्यः

> सर्वेभ्यः सर्व सर्वेभ्यो नमः ते अस्तु रुद्ररूपेभ्यः ॥

> वामदेवाय नमः ज्येष्ठाय नमः श्रेष्ठाय नमः

> रुद्राय नमः कालाय नमः कलविकरणाय नमः

> बलविकरणाय नमः बलाय नमो बलप्रमथनाय नमः

> सर्वभूतदमनाय नमो मनोन्मनाय नमः ॥

> सद्यजातं प्रपद्यामि सद्यजाताय वै नमो नमः।

> भावे भवे नातिभवे भवस्व माँ भवोद्भवाय नमः॥

> नमः सायं नमः प्रातर्नमो रात्र्यै नमो दिवा ।

> भवाय च शर्वाय चाभाभ्यां करं नमः ॥

> यस्य निःश्वसितं वेदा यो वेदेभ्यः अखिलं जगत् ।

> निर्ममे तमहं वन्दे विद्यातीर्थ महेश्वरम् ॥

> त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्

> उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॥

> सर्वो वै रुद्राः तस्मै रुद्राय नमो अस्तु।

> पुरुषो वै रुद्रः सन्महो नमो नमः॥

> विश्व भूतां भुवनं चित्रं बहुधा जातं जयमानं च यत्।

> सर्वो ह्येष रुद्रास तस्मै रुद्राय नमो अस्तु॥

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🙏 निष्कर्ष

रुद्राभिषेक एक अत्यंत शक्तिशाली और फलदायी शिव उपासना विधि है।

इसे श्रद्धा और विधिपूर्वक करने से भगवान शिव की कृपा अवश्य प्राप्त होती है।

सही सामग्री, मंत्र, और भावना के साथ किया गया रुद्राभिषेक

जीवन के कष्टों को दूर कर सुख-समृद्धि और आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग खोलता है।

🗓️ Published by DailyMandir · 1 July, 2025