

🌼 श्रीकृष्ण जन्माष्टमी: पूजन विधि की सम्पूर्ण जानकारी 🌼
भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव पर कैसे करें विधिपूर्वक पूजन और क्यों अर्पित किए जाते हैं 56 भोग
भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को, रोहिणी नक्षत्र में भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था। इस शुभ दिन को जन्माष्टमी के रूप में मनाया जाता है। इस दिन व्रत, भजन-कीर्तन और पूजन के माध्यम से श्रीकृष्ण के बाल रूप (लड्डू गोपाल) की पूजा की जाती है।
🛕 पूजन से पूर्व की तैयारी
1. स्नान व संकल्प
ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें।
स्वच्छ वस्त्र धारण कर व्रत और पूजन का संकल्प लें।
संकल्प के लिए हाथ में जल, फल, कुश, और गंध लें।2. पूजा स्थान की सफाई
पूजा स्थल व घर को अच्छे से स्वच्छ करें।
एक चौकी पर लाल या पीला कपड़ा बिछाकर सजाएं।
📿 पूजन सामग्री
भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति या लड्डू गोपाल की प्रतिमा
पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, शक्कर)
गंगाजल, चंदन, रोली, अक्षत (चावल)
फूल, माला, तुलसी पत्ता
धूप, दीपक, कपूर, अगरबत्ती
वस्त्र, मुकुट, आभूषण
माखन, मिश्री, फल, मिठाई, पंजीरी
पान का पत्ता, सिक्का, लौंग, इलायची
🙏 श्रीकृष्ण पूजन विधि
1. मूर्ति स्थापना और शुद्धि
पूरब या उत्तर दिशा की ओर मुख कर बैठें।
लड्डू गोपाल को चौकी पर विराजमान करें।
गंगाजल व पंचामृत से अभिषेक करें।
स्वयं और पूजन सामग्री को शुद्ध करें:शुद्धि मंत्र:
> ॐ अपवित्रः पवित्रो वा सर्वावस्थां गतोऽपि वा|
> याः स्मरेत् पुण्डरीकाक्षं स बाह्याभ्यन्तराः शुचिः||
2. वस्त्र और श्रृंगार
भगवान को पीतांबर वस्त्र पहनाएं।
मुकुट, माला, मोरपंख और आभूषणों से श्रृंगार करें।
3. ध्यान और मंत्र जाप
श्रीकृष्ण ध्यान मंत्र:
वसुदेवसुतं देवं कंसचाणूरमर्दनम्।
देवकीपरमानन्दं कृष्णं वन्दे जगद्गुरुम्।।
4. झूला झुलाना
लड्डू गोपाल को झूले पर बिठाकर झुलाएं।
पालना फूलों व रेशमी वस्त्रों से सजाएं।
5. आरती और भोग
शुद्ध घी से दीप जलाकर विधिपूर्वक आरती करें।
माखन-मिश्री, खीर, फल, पंजीरी आदि से भोग लगाएं।
भोग में तुलसी दल अनिवार्य रूप से अर्पित करें।
6. प्रार्थना व क्षमा याचना
अपनी मनोकामनाएं भगवान के चरणों में अर्पित करें।
यदि पूजन में कोई त्रुटि हो, तो क्षमा प्रार्थना करें।
🌙 मध्यरात्रि विशेष पूजा (रात्रि 12 बजे)
श्रीकृष्ण जन्म के समय की प्रतीक्षा करें।
नारियल या खीरे को चीरकर उसमें लड्डू गोपाल को स्थापित करें।
जन्म समय पर अभिषेक कर विधिवत पूजा करें।
भजन-कीर्तन और नामस्मरण करते हुए रात्रि जागरण करें।
🌄 व्रत पारण
अगली सुबह सूर्योदय के बाद व्रत का पारण करें।
भगवान को पुनः नमन कर प्रसाद वितरित करें।
✨ विशेष सुझाव
इस दिन श्रीकृष्ण मंत्रों का जाप अत्यंत फलदायी माना जाता है।
मोरपंख श्रीकृष्ण को अत्यंत प्रिय है, अतः अर्पित अवश्य करें।
मंदिर जाकर दर्शन करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।
📜 पूजन संकल्प मंत्र
यथोपलब्ध पूजनसामग्रीभिः कार्यसिद्ध्यर्थं
कलशाधिष्ठित देवता सहित श्रीजन्माष्टमी पूजनं अहं करिष्ये।
(पान का पत्ता, सिक्का, जल, अक्षत, फूल आदि भगवान को अर्पित करें।)
Published by DailyMandir · July 1, 2025